Utpanna Ekadashi Ki Katha

🧑‍🎤: Devesh Kundan

🎧: 0

📂: Thể Loại Khác

⏱: 00:00:00 AM 17/11/2025

जैश्री हरि
कथा प्रिम्यों
आज आपको
उत्पन्न एकादशी की पावन कथा
सुनाने जा रहा हूँ
उत्पन्न एकादशी की ये पावन कथा
बड़ी है कल्यान कारी है
इसको सुनने मात्र से
जीवन के सारे संकत तक दूर हो जाते हैं
श्री विश्ण भगवान की तुमको कथा सुनाता हूँ
पावन कथा सुनाता हूँ
मैं उत्पन्न एकादशी की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
सत्युग की है बात आजकल युग में बताता हूँ
पावन कथा सुनाता हूँ
मैं उत्पन्न एकादशी की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
ये कथा है बड़ी महाल
सब सुनो लुखाँ खेलां
इस कथा की है पहचान
मेरे मोहमा गावराण
कथा प्रेमियों, ये कथा सत्युग काल की है
एक मुर नामक एक महा बलशाली दैति हुआ करता था
जिसके हातंख से समस्त देवी देवता चिंतित थे
मुर के प्रकोप से बचने का उपाए किसी को दिखाई नहीं दे रहा था
सत्युग की है बात दैति मुर नामक था विकराल
देव सभी हो गए पराजित हाल हुआ बेहाल
हाल हुआ बेहाल
मुर नामक उस दैतिस भतों इंद्र गए थे हाल
त्राही त्राही मच गई स्वर्ग में हुए देवलाचार
हुए देवलाचार
देव लोग चिंतित थे सब के संकट में थे प्राण
आपस में सब मिलके देवगण सब ने किया विचार
मुर के तास से शिवशंकर ही कर सकते उधार
देव सभी फिर क्या करते हैं वो बतलाता हूं
मैं कथा सुनाता हूं
मैं उत्वन्ना एकादशी की महिमा गाता हूं
मैं कथा सुनाता हूं
ये कथा है बड़ी महाज
सब सुनो यदा के लाद
इस कथा की है पहचाज
मिले मो मांगा विदाद
सारे देवगण मिलकर भगवान भोलेनाथ जी के पास कैलाश पर जाते हैं
और मुरदैत के त्रास संताप की विधास सुनाते हैं
और भोलेनाथ जी से अपने प्रानों की रखचा के लिए विंती करते हैं
शिवशंकर के पास देव कैलाश पर जाते हैं
मुर नामक उस दैति का वो हर त्रास बताते हैं
उसका त्रास बताते हैं
प्रान हमारे संकट में है हमें बचालो नात
नतमस्तक हम शरण आपकी है शिवभोलेनाथ
हे शिवभोलेनाथ
मुर है पीछे पड़ा
हमारे लेके रहेगा प्रान
मुर है बड़ा बलवान है भोले मुर है बड़ा शैतान
सुनकर के शिवबातें उनकी फिर मुस्काते हैं
मुर के त्रास से बचने का फिर मारग सुझाते हैं
क्या कहते हैं देवों से शिवभो बतलाता हूँ पावन कथा सुनाता हूँ
मैं उतपन्ना एकादशी की महिमा गाता हूँ मैं कथा सुनाता हूँ
ये कता है बड़े महार सब सुनो लखा के लाद
इस कता की है पहचाद देवों मांगा वलधाद
देविश्वर सोमिश्वर देवाधि देविं बहाधेव
देवताओं की पूरी कहानी शांती पुरुवक सुनते हैं
देवताओं के उपर उनको दया आजाती है
भोलेनाथ जी देवताओं को समझाते हैं
इस संकट से तुम सब को स्री हरी विश्णू ही निकाल सकते हैं
भोले कहते हैं उनसे स्री विश्णू की शरण में जाओ
वही हरेंगे कश्ट तुमारे उनको जा बतलाओ
उनको जा बतलाओ
देव सभी मिलके फिर स्री विश्णू की शरण में आये
देव सभी नावाल सुनाके आँखों में आँसू भरलाए
अंत हमारा होने को है मुर्रच्छस के हाथ
रक्षा करो हमारी स्री हरी विश्णू जीदी नना
प्रान हमारे बचाली जीए संकट में है वन्श
का श्वामी हो जाये ना अंत
फिर आगे क्या होता है मैं वो समझाता हूँ
पावन कथा सुनाता हूँ मैं उत्पन्न एकादशी की महिमा गाता हूँ
मैं कता सुनाता हूँ
ये कतावर बड़ी महाई सब सुनो लुद्राके लाव
इस कता की है बहचाल ने मो माँगावरभाव
सारे देवता श्री विश्णू भगवान ने प्रान ने प्रान ने
देवता श्री विश्णू भगवान की शरण में पहुंचते
हैं और अपनी सारी पाप बिती सुनाते हैं
विन्ती करते हैं कि हे दिनानात हे चक्र सुदर्शन धारी हमारी रक्षा करो
श्री विश्णू जी देवगणों से बोले हस करके
मुर्के भै को त्याग दो जाओ निश्चिंत होके
जाओ निश्चिंत होके
मुर्का बद करने को मैं ततकाल ही आऊंगा
उसके भै से तुम सबको मैं मुक्त कराऊंगा
सबको मुक्त कराऊंगा
श्री विश्णू जी का आश्वासन सुन देव किये प्रस्थान
मुर्का बद करने को चले है श्री विश्णू भगवान
श्री विश्णू भगवान
मुर्के पास में थी दैत्यों की सेना बहुत बड़ी
विश्णू जी के चक्र से कट गई सेना खड़ी खड़ी
सेना खड़ी खड़ी
प्रान बचा कर भाग गया मुर्दैत्य बताता हूँ
पावन कथा सुनाता हूँ
मैं उत्पन्न एकादशी की महिमा गाता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ
प्रान बचा कर भाग गया मुर्दैत्य बताता हूँ
प्रान बचा कर भाग गया मुर्दैत्य बताता हूँ
श्री विश्ण भगवान देवताओं को उनके प्रान रक्षा का आश्वासन देते
हैं और कहते हैं निश्चिन्त रहो उस दैत का संघार मैं करूँगा
श्री हरी से आश्वासन पाकर देवतागणों को शांत्य हूँती हैं
मुर्दों भागते देख श्री विश्णू जी मुस्काते हैं
वहां सश्री विश्णू जी बत्रिक आश्ट्रम जाते हैं
बत्रिक आश्ट्रम जाते हैं
वहां गुपा में अंदर जाकर करते हैं विश्णाम
मुर्दों पता चल गया श्री विश्णू जी कर रहे आरां
विश्णू जी कर रहे आरां
पमन वेग से चल के त्यात्य वो पहुँच गया ततकाल
उसे नहीं मालूम था श्री विश्णू जी कमाया जाल
चला मारने श्री विश्णू जी को जैसे वो शैतान
हुआ वहां जो चमतकार मुर्देख हुआ है रान
क्या होता है गुपा के अंदर वो समझाता हूँ
मैं कता सुनाता हूँ
मैं उत्पन्ना एकादशी की महिमा गाता हूँ
मैं कता सुनाता हूँ
ये कता है भड़े महाज
सब सुनो लखाँ के लाँ
इस कता के यह पहचाँ
मेरे वो मांगा वर्भाँ
श्री विश्णु भगवान जी मुर्देख को युद्र के लिए ललकारते हैं
और फिर महा संगाम होने लगता है
मुर्गी विशाल सेना श्री हरे विश्णु जी के
सुदर्सन चक्र से कट कट कर गिरने लगती है
और जो बच जाते हैं वो अपने प्रान बचा कर भाग जाते हैं
और मुर्गी रन छोड कर भाग जाता है
श्री विश्णु जी के तन से एक कन्या का जन्म हुआ
उस कन्या के हाथों से उस मुर्गा अंत हुआ
उस मुर्गा अंत हुआ
मुर्गा अंत हुआ
अन्हुई हूँ मैं एक शक्ती हूँ
असुरों की हूँ कालनात मैं सुरों की मुप्ती हूँ
मैं सुरों की मुप्ती हूँ उस कन्या का नाम करण क्या हुआ बताता हूँ
मैं कथा सुनाता हूँ मैं उतपन्ना एकादशी की कथा सुनाता हूँ
मैं महिमा गाता हूँ
ये गधाई बड़े महाई
सब सुनो लुखना के लाइब
इसका तांगल है पहचाई नेमो मांगा वल्भाई
पर वो प्राणों की रख्षा करते बाग गया तो श्रीहरी जी बद्रिका
आश्रम आ जाते हैं और एक गुफा के अंदर विश्राम करने लगते हैं
जब मुर को पता चलता है कि श्रीहरी विश्णू बद्रिका
आश्रम में किसी गुफा में विश्राम कर रहे हैं
तो बदले की भावना से वो वापस आता है
श्रीहरी विश्णू जी उस कन्या को देते हैं आश्रवाद
रहती दुनिया तक दुनिया ये तुम्हें करेगी आद
ये तुम्हें करेगी आद
मत्यो लोक में सुलजाओगी उलजे की उलजन
एकादशी के नाम से दुनिया करेगी अभिनन्दन
नाम से जुनिया जानेगी तुमको
सुख वैभब की दाती ये दुनिया मानेगी तुमको
हर एक माह में पूज़ा तुम्हारी होगी दो दो
बार एकादशी के नाम से तुमको जानेगा संसार
कृपा करो सुख देव के ऊपर शीस नवाता हूँ चरण में शीस नवाता हूँ
मैं उत्पन्ना एकादशी की कतां सुनाता हूँ मैं महिमा गाता हूँ
ये कतां ये बड़ी महाण
सब सुनो लुना के नाम इस कतां की है बहुत जान
में हो मांगा वर्णान

XEM TOÀN BỘ
Shri Ram Janam Katha
🎧 : 0 | ⏱: 29:10
🧑: Devesh Kundan

Shri Adinath Katha
🎧 : 0 | ⏱: 17:39
🧑: Rinky Vishwakarma, Devesh Kundan

Shri Suparshwanath Ki Katha
🎧 : 0 | ⏱: 13:55
🧑: Rinky Vishwakarma, Devesh Kundan

Shri Kashi Vishwanath Jyotirlinga Katha
🎧 : 0 | ⏱: 15:50
🧑: Devesh Kundan

Sumatinath Bhagwan Ki Katha
🎧 : 0 | ⏱: 15:12
🧑: Rinky Vishwakarma, Devesh Kundan

Namaste Sada Vatsale Matribhume
🎧 : 0 | ⏱: 3:28
🧑: Devesh Kundan

Aao Ji Sanwariya Aao
🎧 : 0 | ⏱: 4:55
🧑: Devesh Kundan

Duniya Se Thokar
🎧 : 0 | ⏱: 5:36
🧑: Devesh Kundan

Mujhe Akela Chhod Ke Gaura
🎧 : 0 | ⏱: 4:37
🧑: Devesh Kundan

Sanwariya Se Mujhe Mila De
🎧 : 0 | ⏱: 4:42
🧑: Soniya Sagar, Devesh Kundan

Putrada Ekadashi Katha
🎧 : 0 | ⏱: 12:18
🧑: Devesh Kundan

Santoshi Mata Ki Katha
🎧 : 0 | ⏱: 30:00
🧑: Devesh Kundan

Safla Ekadashi Katha
🎧 : 0 | ⏱: 15:14
🧑: Devesh Kundan

Shani Chalisa
🎧 : 0 | ⏱: 4:38
🧑: Devesh Kundan

Shyam Ardaas
🎧 : 0 | ⏱: 2:45
🧑: Devesh Kundan

Dam Dam Baja De Damru
🎧 : 0 | ⏱: 3:56
🧑: Soniya Sagar, Devesh Kundan

Bhole Ghar Banwa Dije
🎧 : 0 | ⏱: 3:52
🧑: Soniya Sagar, Devesh Kundan

Jo Tum Mujhse Byah Karogi
🎧 : 0 | ⏱: 3:52
🧑: Devesh Kundan

Bhole Bhangiya Tumhari Ban Gayi Soutaniya
🎧 : 0 | ⏱: 3:18
🧑: Soniya Sagar, Devesh Kundan

Dharmendra Alvida
🎧 : 0 | ⏱: 5:21
🧑: Devesh Kundan

Umar Sab Dhokhe Mein Khoye Diyo Re
🎧 : 0 | ⏱: 6:42
🧑: Devesh Kundan

Surya Chalisa
🎧 : 0 | ⏱: 4:11
🧑: Devesh Kundan

Mokshada Ekadashi Katha
🎧 : 0 | ⏱: 15:38
🧑: Devesh Kundan

Shyam Aa Jao Kurukshetra Mein
🎧 : 0 | ⏱: 4:50
🧑: Devesh Kundan

Annapurna Katha
🎧 : 0 | ⏱: 29:35
🧑: Devesh Kundan

Dattatreya Ji Ki Katha
🎧 : 0 | ⏱: 14:38
🧑: Devesh Kundan

Ye Haal Na Apna Tha
🎧 : 0 | ⏱: 8:59
🧑: Devesh Kundan

Desh Bhar Mein Kamal Khil Raha Hai
🎧 : 0 | ⏱: 4:49
🧑: Devesh Kundan

Pradosh Vrat Ki Katha
🎧 : 0 | ⏱: 23:49
🧑: Devesh Kundan

Utpanna Ekadashi Ki Katha
🎧 : 0 | ⏱: 15:29
🧑: Devesh Kundan